वो दो पल
का साथ, वो अजीब
सा एहसास
तेरे कभी
तो पास आने की, जो
मुझमें है आस.
वो दो पल
कि मस्ती, वो कागज
कि कश्ती
तेरे
जुल्फों के लट कि, वो बादल
सी मस्ती...
वो दो पल
का मिलना, वो मिल-मिल
बिछडना
तेरे पास
आने को, वो दिल
का मचलना...
वो दो पल
के साये में, मेरे
ख्वाबों का पलना
तेरे दिल
में जो बसने कि, वो मेरी
तमन्ना...
वो दो पल
का साथ, वो अजीब
सा एहसास ....
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